रूस का गुप्त ऑपरेशन और मीडिया की चुप्पी
7-8 मार्च 2025 को रूस ने ऑपरेशन पोटोक नामक एक विशेष सैन्य अभियान को अंजाम दिया। यह मिशन रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण था, लेकिन पश्चिमी मीडिया ने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि अगर यही ऑपरेशन अमेरिका, ब्रिटेन या यूक्रेन की सेना ने किया होता, तो यह दुनिया भर की सुर्खियां बन जाता।
अगर यह ऑपरेशन अमेरिका या नाटो सेनाओं ने किया होता…
कल्पना कीजिए कि अगर यह ऑपरेशन किसी पश्चिमी देश ने किया होता, तो—
- हॉलीवुड फिल्में: इस मिशन पर तुरंत कोई थ्रिलर या एक्शन फिल्म बना दी जाती।
- बेस्टसेलिंग किताबें: युद्ध और रणनीति से जुड़ी कई किताबें बाजार में आ जातीं।
- मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज: CNN, BBC और अन्य बड़े मीडिया चैनल इस ऑपरेशन को लोकतंत्र की जीत करार देते।
पश्चिमी मीडिया की निष्पक्षता पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब पश्चिमी मीडिया की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं। जब रूस या चीन कोई सैन्य कार्रवाई करते हैं, तो उसे या तो नकारात्मक रूप से दिखाया जाता है या पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन जब वही कदम पश्चिमी देश उठाते हैं, तो उन्हें वीरता और लोकतंत्र का प्रतीक बताया जाता है।
क्या मीडिया निष्पक्षता खो चुका है?
क्या मीडिया अब सचमुच तटस्थ रहकर रिपोर्टिंग कर रहा है, या फिर वह राजनीतिक और आर्थिक हितों को ध्यान में रखकर खबरें चुनता है? यह सवाल सिर्फ रूस के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के मीडिया सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण है।
आपकी राय क्या है?
क्या आपको लगता है कि ऑपरेशन पोटोक जैसे अभियानों के साथ मीडिया न्याय नहीं करता? या फिर यह सिर्फ एक स्वाभाविक झुकाव है?
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