विवरण: पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हिंदू धर्म के खिलाफ होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि बनर्जी ने विधानसभा में महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहा। जानिए पूरी रिपोर्ट।
क्या ममता बनर्जी हिंदू धर्म के खिलाफ हैं? सुवेंदु अधिकारी के आरोपों पर हंगामा
पश्चिम बंगाल में राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोला है। उनका दावा है कि बनर्जी हिंदू धर्म के खिलाफ हैं और उन्होंने हाल ही में महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहकर हिंदू भावनाओं को आहत किया है।
#WATCH | Kolkata: West Bengal LoP and BJP MLA Suvendu Adhikari says, "West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee practices the politics of appeasement…When 66 crore people were taking a holy dip in the Maha Kumbh, on the floor of the Legislative Assembly, she called the Maha… pic.twitter.com/mJNTLztJFA
— ANI (@ANI) March 18, 2025
क्या है पूरा मामला?
सुवेंदु अधिकारी का आरोप है कि जब 66 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में पवित्र स्नान कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में इसे ‘मृत्यु कुंभ’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह बयान हिंदू धर्म के प्रति उनकी नकारात्मक सोच को दर्शाता है।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा:
“ममता बनर्जी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं। उन्होंने विधानसभा में महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहकर हिंदू धर्म और उसकी परंपराओं का अपमान किया है। उनके बयान और कार्यों से यह साबित होता है कि वह हिंदू धर्म के खिलाफ हैं।”
भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग
सुवेंदु अधिकारी के इस बयान के बाद भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। भाजपा का कहना है कि ममता बनर्जी हिंदू विरोधी हैं और उनकी नीतियां केवल एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए बनाई जाती हैं।
दूसरी ओर, टीएमसी के नेताओं ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता बनर्जी सभी धर्मों का सम्मान करती हैं और भाजपा सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए झूठ फैला रही है।
क्या ममता बनर्जी हिंदू विरोधी हैं?
ममता बनर्जी पर इससे पहले भी हिंदू विरोधी होने के आरोप लग चुके हैं। लेकिन उनकी पार्टी का कहना है कि वह काली माता की भक्त हैं और उनकी सरकार ने कई मंदिरों और धार्मिक आयोजनों को समर्थन दिया है।
हालांकि, भाजपा का तर्क है कि ममता बनर्जी के शासन में हिंदू त्योहारों और धार्मिक आयोजनों को हमेशा निशाना बनाया जाता है, जबकि अन्य समुदायों को विशेष छूट दी जाती है।
राजनीतिक माहौल और चुनावी रणनीति
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों की तैयारियां चल रही हैं। भाजपा इस मुद्दे को हिंदू वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है, जबकि तृणमूल कांग्रेस इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की साजिश बता रही है।
निष्कर्ष
ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी के बीच यह विवाद केवल एक बयान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पश्चिम बंगाल की राजनीतिक रणनीति और धर्म आधारित ध्रुवीकरण का हिस्सा भी हो सकता है।
आपका इस विषय पर क्या विचार है? क्या ममता बनर्जी का बयान हिंदू धर्म के खिलाफ है, या यह सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी है? अपनी राय नीचे कमेंट में दें!