विवरण: बिहार में अपराध दर बढ़ती जा रही है, और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कानून व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाया है। क्या बिहार में अपराधी बेखौफ हो चुके हैं? जानिए पूरी रिपोर्ट।
बिहार में हाल के दिनों में अपराध की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि राज्य में अपराधी बेखौफ हो चुके हैं और पुलिस तक सुरक्षित नहीं है। उन्होंने दावा किया कि सत्ता में बैठे लोग अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं, जिससे आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।
#WATCH | Patna, Bihar | Former deputy CM and RJD leader Tejashwi Yadav says, "Crimes are increasing, the government has fallen asleep, and the CM is unconscious. Even the police are not safe under the rule of CM Nitish Kumar. Criminals are uncontrolled as people in power are… pic.twitter.com/0xDErIDGQw
— ANI (@ANI) March 15, 2025
बिहार में अपराध की वर्तमान स्थिति
तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि बिहार में पिछले दो दशकों में 60,000 हत्याएं और 25,000 से अधिक बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं।
इसके अलावा, हाल ही में होली के दौरान कई आपराधिक घटनाओं की खबरें सामने आई हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं। अपराध की इन घटनाओं ने जनता को चिंता में डाल दिया है, खासकर तब जब खुद पुलिसकर्मियों पर हमलों के मामले भी बढ़ रहे हैं।
क्या बिहार में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है?
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ वही बोलते हैं, जो अधिकारी उन्हें लिखकर देते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपराधियों के पक्ष में नियमों को बदल रही है, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि बिहार में अपराध नियंत्रण में है और विपक्ष जानबूझकर सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है।
बिहार में अपराध की भयावह तस्वीर
- 2022 में बिहार में 2,82,083 अपराध दर्ज किए गए।
- बिहार में अपराध दर 228.0 प्रति लाख जनसंख्या रही।
- राज्य में पुलिसकर्मियों पर हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
- 118 नरसंहार की घटनाएं तेजस्वी यादव के माता-पिता के शासनकाल में हुई थीं, जिसका जिक्र जदयू प्रवक्ता ने किया।
जनता की बढ़ती चिंता
बिहार की जनता अब सरकार से जवाब मांग रही है। लोग पूछ रहे हैं कि जब पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित रहेंगे? सोशल मीडिया पर भी बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर चर्चाएं तेज हैं, और लोग सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सरकार का पक्ष और आगे की राह
सरकार का कहना है कि बिहार में कानून व्यवस्था मजबूत है और अपराध नियंत्रण के लिए नई नीतियां लागू की जा रही हैं। हालांकि, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
अगर सरकार जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाती, तो बिहार में जनता का सरकार पर से भरोसा उठ सकता है और आगामी चुनावों में इसका असर देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
बिहार में बढ़ते अपराध ने सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। जनता को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी प्रशासन की है, लेकिन जब खुद प्रशासन सवालों के घेरे में आ जाए, तो हालात और भी गंभीर हो जाते हैं। क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपराधियों पर लगाम कस पाएंगे, या फिर बिहार की कानून व्यवस्था और बदतर होती जाएगी?
आपका क्या कहना है? क्या आपको लगता है कि बिहार में अपराध नियंत्रण में है, या फिर यह सरकार की नाकामी है? अपनी राय नीचे कमेंट में दें!