भारतीय रेलवे: देश की जीवन रेखा
भारतीय रेलवे विश्व की सबसे बड़ी रेलवे नेटवर्कों में से एक है, जो देश की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन रेखा के रूप में कार्य करती है। यह लाखों लोगों को प्रतिदिन एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का कार्य करती है, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था, व्यापार, पर्यटन और आपसी सांस्कृतिक संपर्क का भी एक अहम माध्यम है।
ट्रेनों का संचालन
ट्रेनों का संचालन एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें समय सारणी, ट्रैफिक नियंत्रण, रखरखाव, टिकटिंग प्रणाली और सुरक्षा उपायों का समावेश होता है। यह कार्य विभिन्न ज़ोनल रेलवे और डिवीज़नों के माध्यम से किया जाता है। रेलवे मंत्रालय इसकी निगरानी करता है और आधुनिक तकनीकों जैसे कि डिजिटल सिग्नलिंग, जीपीएस ट्रैकिंग, और ऑनलाइन रिजर्वेशन प्रणाली को अपनाकर संचालन को और अधिक कुशल बना रहा है।
गोरखपुर जंक्शन पर नान-इंटरलाकिंग
गोरखपुर जंक्शन पर तीन मई तक नान-इंटरलाकिंग (एनआई) चलेगी। तीन मई को ही रेल संरक्षा आयुक्त एनआई और थर्ड लाइन का परीक्षण करेंगे। उनकी हरी झंडी के बाद चार मई से ट्रेनों का संचालन सामान्य हो जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि रात तीन मई को रात 12 बजे से ही ट्रेनें चलने लगेंगी।
यात्रियों की परेशानी
गोरखपुर जंक्शन पर मेगा ब्लॉक के दौरान ट्रेनों का संचालन लगभग पूरी तरह ठप रहा। यात्रियों की परेशानी बढ़ गई हैं। दिल्ली जाने वाले लोगों को ट्रेनों में चढ़ने के लिए धक्कामुक्की करनी पड़ रही है। बिहार से आने वाली ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं बच रही। लोग टायलेट में खड़ा होकर यात्रा करने को मजबूर हैं।
निष्कर्ष
भारतीय रेलवे देश की जीवन रेखा है, जो लाखों लोगों को प्रतिदिन एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का कार्य करती है। इसके महत्व को समझना और इसकी चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है।
भारतीय रेलवे: देश की जीवन रेखा

Gorakhpur, railway station, आर्थिक विकास, जीवन रेखा, भारतीय रेलवे, रेलवे नेटवर्क, सांस्कृतिक संपर्क