परिचय
आज के डिजिटल युग में वीडियो गेमिंग का क्रेज़ बढ़ता जा रहा है। लाखों लोग रोज़ाना घंटों तक गेमिंग में व्यस्त रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि तेज़ आवाज़ में लंबे समय तक गेम खेलने से आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और International Telecommunication Union (ITU) ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए गेमर्स के लिए एक नया सुरक्षा मानक विकसित किया है, जिससे उनकी सुनने की क्षमता सुरक्षित रह सके।


कैसे प्रभावित होती है सुनने की क्षमता?
🎮 तेज़ ध्वनि (लाउड ऑडियो): गेमिंग हेडफोन और स्पीकर से लगातार तेज़ आवाज़ में खेलने से कान के अंदरूनी हिस्से को नुकसान पहुँच सकता है।
🎮 लंबे समय तक एक्सपोज़र: यदि कोई व्यक्ति रोज़ाना घंटों तक तेज़ आवाज़ में गेम खेलता है, तो उसकी सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो सकती है।
🎮 अनजाने में नुकसान: अधिकतर गेमर्स को यह एहसास नहीं होता कि तेज़ आवाज़ उनके कानों को कितना नुकसान पहुँचा रही है, जब तक कि समस्या गंभीर न हो जाए।
WHO और ITU का नया सुरक्षा मानक क्या है?
WHO और ITU ने मिलकर एक “Safe Listening Standard” तैयार किया है, जो गेमिंग डिवाइस और हेडफोन कंपनियों को नए दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा। इस मानक के तहत:
✔️ अधिकतम ध्वनि स्तर तय किया जाएगा ताकि कानों को नुकसान न पहुँचे।
✔️ सुरक्षित सुनने की तकनीक (Safe Listening Mode) को अपनाने पर ज़ोर दिया जाएगा।
✔️ हेडफोन और गेमिंग डिवाइसेज़ में वॉल्यूम कंट्रोल सिस्टम को प्रभावी बनाया जाएगा।
✔️ गेमर्स को ध्वनि सुरक्षा के बारे में जानकारी देने के लिए नोटिफिकेशन सिस्टम जोड़ा जाएगा।
इस पहल के क्या फायदे होंगे?
✅ गेमर्स अपनी सुनने की क्षमता को दीर्घकालिक रूप से सुरक्षित रख सकेंगे।
✅ गेमिंग इंडस्ट्री को अधिक सुरक्षित उत्पाद विकसित करने में मदद मिलेगी।
✅ लोग जागरूक होंगे कि सुनने की क्षमता भी एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दा है।
✅ हेडफोन और ऑडियो डिवाइसेज़ को अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा।
आप क्या कर सकते हैं?
✔️ गेमिंग के दौरान हेडफोन की आवाज़ को कम रखें।
✔️ 60-60 नियम अपनाएँ – 60 मिनट से अधिक लगातार तेज़ आवाज़ में गेम न खेलें और 60% से अधिक वॉल्यूम न रखें।
✔️ अगर गेमिंग के बाद कानों में सीटी की आवाज़ (Ringing Sound) आती है, तो तुरंत ऑडियोलॉजिस्ट से परामर्श लें।
✔️ WHO और ITU के नए दिशानिर्देशों का पालन करने वाले सर्टिफाइड हेडफोन और डिवाइसेज़ का उपयोग करें।
निष्कर्ष
गेमिंग का आनंद लेना ज़रूरी है, लेकिन अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करना नहीं। WHO और ITU की यह नई पहल गेमर्स को सुनने की हानि से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि हम सही सावधानियाँ बरतें और नए सुरक्षा मानकों का पालन करें, तो हम बिना किसी खतरे के गेमिंग का मज़ा उठा सकते हैं।
क्या आप भी गेमिंग करते हैं? क्या आपको लगता है कि यह नया सुरक्षा मानक उपयोगी होगा? अपने विचार हमें कमेंट में बताइए!
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