विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उत्तरी गोलार्ध के लिए 2025-2026 इन्फ्लूएंजा वैक्सीन संरचना की सिफारिशें जारी की हैं। हर साल, इन्फ्लूएंजा वायरस नए रूपों में उभरता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसी कारण, प्रभावी टीकाकरण रणनीति विकसित करने के लिए नई सिफारिशें आवश्यक होती हैं।


नए वैक्सीन अपडेट क्यों ज़रूरी हैं?
WHO के वैज्ञानिकों ने विभिन्न वायरस उपभेदों (strains) का अध्ययन कर यह निर्धारित किया है कि आगामी मौसम में कौन से वायरस सबसे अधिक खतरा पैदा कर सकते हैं और उनसे निपटने के लिए कौन-से टीके प्रभावी होंगे। यह प्रक्रिया वैज्ञानिक अनुसंधान, वैश्विक डेटा विश्लेषण और विशेषज्ञ सलाह पर आधारित होती है।
कैसे होती है वायरस उपभेदों की पहचान?
WHO के वैश्विक इन्फ्लूएंजा निगरानी नेटवर्क (GISRS) के माध्यम से विभिन्न देशों के वायरस नमूनों का अध्ययन किया जाता है।
लैब टेस्ट और महामारी विज्ञान आंकड़ों के आधार पर यह तय किया जाता है कि सबसे अधिक फैलने वाले और घातक वायरस कौन से हैं।
फिर, वैज्ञानिक यह सुनिश्चित करते हैं कि नए टीके इन्हीं वायरस उपभेदों से सुरक्षा देने में सक्षम हों।
टीकाकरण क्यों महत्वपूर्ण है?
✅ संक्रमण के प्रसार को रोकता है
✅ गंभीर मामलों और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को कम करता है
✅ कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों (बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएँ) की रक्षा करता है
✅ नई महामारी के खतरे को कम करता है
अगले कदम
स्वास्थ्य संगठनों और वैक्सीन निर्माताओं को WHO की इन सिफारिशों के अनुसार नए टीके विकसित करने होंगे, ताकि 2025-2026 में इन्फ्लूएंजा से बचाव संभव हो सके।
आपका क्या विचार है?
क्या आपको लगता है कि हर साल इन्फ्लूएंजा के लिए नए टीके आवश्यक हैं? अपनी राय हमें कमेंट में बताइए! 🏥💉
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