भारतीय नागरिकता के वैध प्रमाण को समझना
आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज़ प्रशासनिक और कल्याणकारी ज़रूरतों को तो पूरा करते हैं, लेकिन ये भारतीय नागरिकता का ठोस प्रमाण नहीं माने जाते। भारत सरकार केवल जन्म प्रमाण पत्र और डोमिसाइल (निवास) प्रमाण पत्र को ही नागरिकता का वैध प्रमाण मानती है।
यह निर्णय केंद्र सरकार ने तब लिया जब कई अवैध विदेशी नागरिकों ने पहचान जांच के दौरान आधार, राशन या पैन कार्ड प्रस्तुत किए।
नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज़
भारत में पहचान से संबंधित कई दस्तावेज़ हैं, जैसे आधार, पैन और राशन कार्ड, लेकिन ये सभी नागरिकता की पुष्टि के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
आधार कार्ड को UIDAI केवल पहचान और निवास का प्रमाण मानता है, नागरिकता का नहीं।
इसी तरह, पैन कार्ड कर उद्देश्यों के लिए और राशन कार्ड सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए होते हैं — ये भी नागरिकता सिद्ध नहीं करते।
सरकार के अनुसार, जन्म प्रमाण पत्र और डोमिसाइल प्रमाण पत्र ही ऐसे दस्तावेज़ हैं जो भारतीय नागरिकता को प्रमाणित करते हैं।
जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत सक्षम अधिकारी जन्म प्रमाण पत्र जारी करते हैं, जो भारत में जन्म के आधार पर नागरिकता सिद्ध करता है।
डोमिसाइल प्रमाण पत्र यह दर्शाता है कि कोई व्यक्ति किसी विशेष राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में निवास करता है, जो नागरिकता के दावे को और मज़बूत बनाता है।
नागरिकों और निवासियों के लिए सलाह
जिन लोगों के पास जन्म या डोमिसाइल प्रमाण पत्र नहीं है, लेकिन अन्य पहचान दस्तावेज़ हैं, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण चेतावनी है।
नागरिकों को चाहिए कि वे अपने जन्म और निवास से संबंधित दस्तावेज़ों को व्यवस्थित रूप से अपडेट रखें।
ऐसे दस्तावेज़ न होने की स्थिति में संबंधित नगर निकाय या राज्य प्राधिकरण से संपर्क कर इन्हें जल्द से जल्द बनवाना चाहिए, ताकि कानूनी अड़चनों से बचा जा सके और नागरिकता का स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत किया जा सके।