शांति और सौहार्द्र के साथ मनाएं होली: एक मिसाल बनी महाराजगंज की पहल

त्योहार सिर्फ रंगों और रोशनी का नाम नहीं होते, बल्कि ये हमारे समाज में आपसी प्रेम और सौहार्द्र को मजबूत करने का अवसर भी होते हैं। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए महाराजगंज जिले में होली और अन्य त्योहारों को शांति से मनाने की अपील की गई है।

एक अनोखी पहल:

  • मदरसा जामिया मिलिया नूरुल उलूम के पूर्व प्रधानाचार्य ने सभी समुदायों से शांति और सौहार्द्र के साथ त्योहार मनाने का अनुरोध किया।
  • मुस्लिम समुदाय ने सौहार्द्र का परिचय देते हुए जुमे की नमाज को 1 घंटे आगे बढ़ाकर दोपहर 2:00 बजे करने का निर्णय लिया।
  • जगन्नाथ मंदिर, बड़हरा महंथ के मुख्य महंत ने भी दोनों समुदायों से प्रेम और शांति के साथ त्योहार मनाने की अपील की।

इस पहल का समाज पर प्रभाव

यह पहल दिखाती है कि आपसी समझ और सहयोग से हम किसी भी प्रकार के मतभेद को दूर कर सकते हैं। यह सिर्फ एक धार्मिक या प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि सद्भावना और प्रेम का प्रतीक है।

  • यह निर्णय सांप्रदायिक सौहार्द्र को मजबूत करेगा।
  • इससे दोनों समुदायों के बीच भरोसा बढ़ेगा।
  • यह एक सकारात्मक संदेश देगा कि धर्म, जाति से ऊपर उठकर हम सब एक हैं।

अब आपकी भूमिका क्या है?

✔ इस सकारात्मक संदेश को फैलाएं ताकि समाज में अधिक से अधिक लोग इसे अपनाएं।
शांति और सौहार्द्र बनाए रखें, अफवाहों और किसी भी तरह के विवाद से बचें।
त्योहारों का आनंद लें, लेकिन किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं।
स्थानीय प्रशासन और धार्मिक नेताओं के इस प्रयास में सहयोग करें।

निष्कर्ष

महाराजगंज जिले की यह पहल समाज में शांति और प्रेम को बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। त्योहार तभी खूबसूरत होते हैं जब सभी मिलकर इन्हें मनाते हैं। इस होली, हम सभी को मिलकर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम समाज में सौहार्द्र और भाईचारे को बढ़ावा देंगे।

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