लंदन में एस. जयशंकर का बयान: भारत-चीन संबंधों पर बोले, खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने किया विरोध
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान भारत-चीन संबंधों और वैश्विक कूटनीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के संबंध अद्वितीय हैं, क्योंकि दोनों देश एक अरब से अधिक आबादी वाले बड़े राष्ट्र हैं। जयशंकर ने यह भी कहा कि इन संबंधों को स्थिर और संतुलित बनाए रखने के लिए निरंतर संवाद आवश्यक है।
भारत-चीन संबंधों पर जयशंकर का बयान
एस. जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों का सीधा असर वैश्विक स्थिरता पर पड़ता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को बातचीत के माध्यम से सुलझाना चाहिए।
उन्होंने कहा,
“भारत-चीन संबंधों में स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है। यह केवल दोनों देशों के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए मायने रखता है।”
लंदन में खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों का विरोध
डॉ. जयशंकर के इस दौरे के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने उनके काफिले के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने भारतीय विदेश मंत्री की गाड़ी को रोकने की कोशिश की, जिससे वहां सुरक्षा व्यवस्था सख्त करनी पड़ी।
भारत सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे ‘सुरक्षा में गंभीर चूक’ करार दिया। भारत ने ब्रिटेन सरकार से इस मामले पर स्पष्टीकरण भी मांगा है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार के प्रवक्ताओं ने इस घटना को लेकर कड़ा संदेश दिया और इसे ‘लोकतांत्रिक आजादी का गलत इस्तेमाल’ बताया। जयशंकर ने इस विरोध के बावजूद अपने कार्यक्रमों को जारी रखा और विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर भारत की स्थिति को स्पष्ट किया।
जयशंकर का दौरा क्यों महत्वपूर्ण है?
1. भारत-चीन संबंधों पर चर्चा – वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका को स्पष्ट करने का अवसर।
2. ब्रिटेन के साथ रणनीतिक साझेदारी – व्यापार और कूटनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में बातचीत।
3. खालिस्तानी प्रदर्शन पर कड़ा संदेश – भारत की सुरक्षा चिंताओं को ब्रिटेन के सामने उठाने का मौका।
निष्कर्ष
एस. जयशंकर का लंदन दौरा भारत की विदेश नीति के लिहाज से महत्वपूर्ण रहा। भारत-चीन संबंधों पर उनके विचारों ने यह संकेत दिया कि भारत किसी भी विवाद को बातचीत से हल करना चाहता है। वहीं, खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों ने एक बार फिर विदेशों में भारत विरोधी तत्वों की सक्रियता को उजागर किया।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और ब्रिटेन इस घटना पर आगे क्या कदम उठाते हैं।
आपका इस मुद्दे पर क्या विचार है? कमेंट में हमें बताएं!
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