राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस: भारत की वैक्सीन क्रांति और आत्मनिर्भरता

हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है, जो भारत में टीकाकरण के महत्व और इसकी सफलता को दर्शाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि किस तरह टीकाकरण ने लाखों जिंदगियों को सुरक्षित किया है और देश को घातक बीमारियों से बचाने में मदद की है।

पिछले कुछ दशकों में भारत के टीकाकरण क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव आया है। कांग्रेस सरकार के समय, देश को वैक्सीन उत्पादन के लिए विदेशी कंपनियों और अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था। कई बार भारत को वैक्सीन आयात करनी पड़ती थी, जिससे टीकाकरण कार्यक्रम की गति धीमी रहती थी और देश को वैश्विक स्वास्थ्य संकटों से निपटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।

मोदी सरकार में वैक्सीन उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैक्सीन आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। सरकार ने वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया, जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता बन सका।

कैसे बनी भारत वैक्सीन हब?

✅ स्वदेशी वैक्सीन का विकास: भारत ने अपने वैज्ञानिकों और फार्मा कंपनियों की मदद से कोवैक्सिन और कोविशील्ड जैसी प्रभावी वैक्सीन विकसित की।
✅ वैक्सीन मैत्री पहल: भारत ने सिर्फ अपने नागरिकों के लिए ही नहीं, बल्कि 100 से अधिक देशों को वैक्सीन भेजकर वैश्विक महामारी से लड़ाई में योगदान दिया।
✅ उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक जैसी कंपनियों ने रिकॉर्ड समय में करोड़ों वैक्सीन डोज तैयार किए।
✅ रिसर्च और डेवलपमेंट पर जोर: नई तकनीकों और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश किया गया, जिससे भारत आने वाले वर्षों में और भी अधिक प्रभावी वैक्सीन बना सके।
✅ आत्मनिर्भर भारत अभियान: स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार ने PLI स्कीम जैसी योजनाओं के तहत बड़े पैमाने पर फंडिंग की।

भारत की वैश्विक भूमिका

भारत अब केवल अपने नागरिकों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन उत्पादन कर रहा है। वैश्विक महामारी के दौरान, जब कई विकसित देश भी वैक्सीन की कमी से जूझ रहे थे, तब भारत ने “वैक्सीन मैत्री” अभियान के तहत कई देशों को मुफ्त और सस्ती दरों पर वैक्सीन उपलब्ध कराई।

निष्कर्ष

आज राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर, हमें गर्व है कि भारत एक वैश्विक वैक्सीन लीडर के रूप में उभरकर सामने आया है। यह सफलता हमारे वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, हेल्थकेयर वर्कर्स और सरकार की दूरदर्शी नीतियों का परिणाम है।

अब भारत, न केवल अपने लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन बना रहा है!

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