भीड़ का दबाव:
प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है, जिसने शहर के बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव डाला है। इस भीड़ के कारण संगम की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर भयंकर जाम लग गया है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
“नो व्हीकल ज़ोन” की घोषणा:
माघी पूर्णिमा के अवसर पर कल्पवास की परंपरा के समापन को देखते हुए, प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 11 फरवरी की शाम 5 बजे से लेकर 12 फरवरी तक “नो व्हीकल ज़ोन” घोषित कर दिया गया है। यानी, इस दौरान कोई भी वाहन इस क्षेत्र में नहीं जा सकेगा।
प्रशासन की सफाई:
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने यातायात जाम की वजह श्रद्धालुओं की भारी संख्या को बताया है। उन्होंने कहा कि कुप्रबंधन के कारण नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण यातायात की आवाजाही में देरी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रयागराज का बुनियादी ढांचा इतनी बड़ी संख्या में लोगों को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं है।
कल्पवास का समापन:
इस साल 10 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम पर कल्पवास किया। कल्पवास, महाकुंभ का एक अहम हिस्सा है, जो पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक एक महीने तक चलता है। इस दौरान लोग संगम के किनारे उपवास, संयम और सत्संग करते हैं।
रेलवे स्टेशनों पर अफवाहें:
यातायात की मुश्किलों के बीच, रेलवे स्टेशनों के बंद होने की अफवाहें भी फैली थीं। लेकिन केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशन सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।
आपकी राय:
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में इस तरह की समस्याएं अक्सर सामने आती हैं। क्या आपको लगता है कि प्रशासन इन स्थितियों से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार था? क्या “नो व्हीकल ज़ोन” एक सही फैसला था? आपकी राय क्या है? हमें कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताएं।