लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह बेहद गंभीर और चिंताजनक है। हाल ही में शहर में ऑटो चालकों द्वारा महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और हिंसा की दो बड़ी घटनाओं ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इन घटनाओं ने न केवल महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि ऑटो चालकों के सत्यापन और नियमन की मांग को भी तेज कर दिया है।
दुबग्गा से बुद्धेश्वर: छेड़छाड़ की घटना
23 मार्च 2025 को, लखनऊ के दुबग्गा से बुद्धेश्वर जाते समय एक ऑटो चालक ने एक महिला के साथ छेड़छाड़ की। X यूजर @tusharcrai की पोस्ट के अनुसार, ऑटो चालक ने न केवल महिला को परेशान किया, बल्कि अपनी पैंट की जिपर खोल दी और अश्लील टिप्पणी की, “बहुत सुंदर दिखती हो…”। महिला ने शोर मचाया, जिसके बाद आसपास के लोगों ने चालक को पकड़ लिया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें चालक को पकड़े हुए और उससे सवाल-जवाब करते हुए लोग दिखाई दे रहे हैं।
मलिहाबाद में रेप और हत्या
यह घटना तब और डरावनी हो जाती है जब हम दो दिन पहले मलिहाबाद क्षेत्र में हुई एक अन्य घटना को देखते हैं। 21 मार्च 2025 को, एक ऑटो चालक ने एक महिला के साथ रेप करने की कोशिश की और उसकी हत्या कर दी। The Hindu की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में दो भाइयों, अजय द्विवेदी और दिनेश, पर आरोप लगा। दिनेश, जो एक टेंपो चालक है, को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि अजय को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। इस ऑटो चालक ने पहले अपना नाम शिबू बताया, लेकिन बाद में उसने इसे सलमान बताया, जिससे उसकी पहचान को लेकर संदेह और गहरा गया।
बहुत सुंदर दिखती हो…
— Tushar Rai (@tusharcrai) March 23, 2025
लखनऊ दुबग्गा से बुद्धेश्वर आते समय ऑटो चालक ने महिला को छेड़ा और पैंट की जिपर खोल दिया।महिला के शोर मचाया पब्लिक ने पकड़ा. दो दिन पूर्व मलिहाबाद क्षेत्र में ऑटो चालक ने एक महिला का रेप व हत्या किया। ऑटो चालक अपना नाम शिबू बाद में सलमान बताया। pic.twitter.com/Q1QxbgaY2S
जनता का गुस्सा और मांग
इन घटनाओं ने लखनऊ में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। X पर लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की और ऑटो चालकों के सत्यापन की मांग की। @VishwanathBole ने लिखा, “जितने ऑटो ड्राइवर लखनऊ में हैं, सबका पुलिस सत्यापन होना चाहिए।” वहीं, @SinghSingh078 ने परिवहन विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा, “ना इनका सत्यापन होता है, ना रूट तय होता है, ना इनकी बिक्री पर कोई रोक है।”
@GauravS76098185 ने पत्रकारों की भूमिका पर भी सवाल उठाया, “रिपोर्टर साहब रिपोर्टिंग कर रहे हैं… पहले तो इसकी रेल बनानी चाहिए थी।” कुछ यूजर्स ने पुलिस और प्रशासन को टैग करते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की, जैसे @ABHAYSINGH16454 ने @uptrafficpolice और @lkopolice को टैग किया। @hindutaskforc3 ने लखनऊ की स्थिति पर चिंता जताते हुए लिखा, “लखनऊ में किसी की कश्तियां नहीं है, राजधानी का यह हाल है।”
पहले से मौजूद सुरक्षा उपाय और उनकी विफलता
लखनऊ में पहले से ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए गए हैं। 2020 में, Times of India की एक रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ पुलिस ने सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 100 ऑल-विमेन टू-व्हीलर और 10 फोर-व्हीलर पेट्रोल वाहन तैनात किए थे। इसके अलावा, सीसीटीवी और पिंक बूथ की व्यवस्था भी की गई थी। लेकिन इन हालिया घटनाओं से साफ है कि ये उपाय पर्याप्त नहीं हैं।
2023 में, Hindustan Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ में किरायेदारों और डिलीवरी बॉयज़ के लिए पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन ऑटो चालकों के लिए ऐसी सख्ती न होने की वजह से ये घटनाएं सामने आ रही हैं।
क्या है समाधान?
इन घटनाओं ने ऑटो चालकों के सत्यापन और उनके रूट्स को नियंत्रित करने की जरूरत को उजागर किया है। पुलिस और परिवहन विभाग को मिलकर एक सख्त नीति बनानी चाहिए, जिसमें हर ऑटो चालक का बैकग्राउंड चेक अनिवार्य हो। इसके अलावा, महिलाओं के लिए सुरक्षित परिवहन के विकल्प बढ़ाने और जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
निष्कर्ष
लखनऊ में ऑटो चालकों द्वारा की गई इन घटनाओं ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह समय है कि प्रशासन और पुलिस तुरंत कार्रवाई करें और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना हर सरकार और समाज की जिम्मेदारी है, और इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा।