प्रेमानंद जी महाराज की पदयात्रा बंद, महिलाओं के विरोध के कारण। जानिए जनता की राय

वृंदावन में, जहाँ भक्ति और आध्यात्म का रंग हर तरफ छाया रहता है, एक अनोखी घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। प्रेमानंद जी महाराज, जो अपनी रात की पदयात्रा के लिए प्रसिद्ध थे, अब वो यात्रा बंद हो गई है।

क्या थी पदयात्रा?

प्रेमानंद जी महाराज रोज़ रात में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पैदल यात्रा करते थे। इस यात्रा के दौरान उनके भक्त उनके दर्शन कर लेते थे। यह एक अद्भुत दृश्य होता था, जहाँ भक्ति और श्रद्धा का सागर उमड़ता था।

क्यों बंद हुई यात्रा?

लेकिन, यह यात्रा अब बंद हो गई है। कारण है, उसी रास्ते में पड़ने वाली कॉलोनी की महिलाओं का विरोध प्रदर्शन। महिलाओं का कहना है कि रात में प्रेमानंद जी की यात्रा से उन्हें दिक्कत होती है। पटाखे और ढोल की आवाज़ से रातभर सोना मुश्किल हो जाता है।

जनता की राय

इस घटना पर जनता की मिली-जुली राय है।

Being human @PiyushT83117124 नाम के यूजर ने लिखा-

सही किया। किसी के बच्चे छोटे हो सकते है, कोई वृद्ध बीमार हो सकते हैं, बच्चे चौंक के उठ जाते हैं तो २–३ घंटे नहीं सोते फिर। अगले दिन के काम स्कूल ऑफिस हैं बाबा तो बैठे रहेंगे अपने आश्रम में। भक्तों को चाहिए कि ढोल नगाड़े पटाखे त्याग के शांति से यात्रा निकलें दूसरों को सम्मान दे

@Indian Azhar नाम के यूजर ने लिखा-

Pawan Kumar Yadav नाम के यूजर ने लिखा-

क्या है सही?

सही क्या है, यह कहना मुश्किल है। दोनों पक्षों की अपनी-अपनी जगह पर सही बातें हैं। एक तरफ महिलाओं की नींद और शांति का सवाल है, तो दूसरी तरफ भक्तों की आस्था और श्रद्धा का।

समाधान क्या है?

इसका समाधान क्या हो सकता है? क्या दोनों पक्ष आपस में बैठकर कोई रास्ता निकाल सकते हैं? क्या ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं? यह एक विचारणीय प्रश्न है।

आपकी राय क्या है?

आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या महिलाओं का विरोध सही था? क्या भक्तों को अपनी भक्ति में थोड़ी नरमी बरतनी चाहिए? हमें कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं।


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