भारत और किर्गिज़स्तान के विशेष बलों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘खंजर-XII’ इस समय टोकमोक में जारी है। इस अभ्यास में शहरी युद्ध कौशल, आतंकवाद विरोधी रणनीतियाँ, और सटीक स्नाइपिंग तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की विशेष बल इकाइयों के बीच सहयोग और सामंजस्य को बढ़ाना है।
Exercise #Khanjar-XII 2025
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) March 16, 2025
The Joint Military Exercise #Khanjar-XII, between special forces of #India and #Kyrgyzstan, is in full swing at #Tokmok, Kyrgyzstan. The Exercise is scheduled from 10 to 23 March 2025.
The contingents are exchanging best practices in urban warfare… pic.twitter.com/JUdr38Bv7d
खंजर-XII: भारत और किर्गिज़स्तान के विशेष बलों का संयुक्त अभ्यास
1. अभ्यास का मुख्य उद्देश्य
‘खंजर-XII’ भारत और किर्गिज़स्तान के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य साझा अनुभवों से सीखना, युद्ध रणनीतियों में सुधार करना और परस्पर संचालन क्षमता (Interoperability) को बढ़ाना है।
2. शहरी युद्ध और आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन
इस अभ्यास में दोनों देशों की सेनाएँ शहरी युद्ध परिदृश्यों और आतंकवाद विरोधी अभियानों की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इसके तहत,
✔ भवनों में घुसपैठ और तलाशी अभियान
✔ आतंकियों के ठिकानों पर हमला करने की रणनीति
✔ स्नाइपिंग और लक्ष्य भेदने की तकनीक
✔ बम निष्क्रिय करने और बंधक बचाव अभियानों का अभ्यास किया जा रहा है।
3. सामरिक समन्वय और विशेष प्रशिक्षण
भारतीय और किर्गिज़ विशेष बल सैन्य तकनीकों के आदान-प्रदान के साथ-साथ रक्षा उपकरणों के प्रयोग और आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग पर भी काम कर रहे हैं। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा।
भारत और किर्गिज़स्तान के बीच रक्षा सहयोग
✔ पहला ‘खंजर’ सैन्य अभ्यास वर्ष 2011 में हुआ था, जिसके बाद से यह एक नियमित अभ्यास बन गया है।
✔ दोनों देशों के बीच रणनीतिक रक्षा साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है।
✔ मध्य एशिया में आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने में यह साझेदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
निष्कर्ष
‘खंजर-XII’ भारत और किर्गिज़स्तान के बीच सैन्य सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक अहम कदम है। इस अभ्यास से दोनों देशों की सेनाएँ बेहतर समन्वय, नवीनतम युद्ध तकनीकों और उन्नत आतंकवाद-रोधी रणनीतियों में निपुण होंगी। यह अभ्यास न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में भी योगदान देगा।