उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां हरिओम नामक एक दलित युवक की चोर समझकर भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह घटना उस समय और भी संवेदनशील हो गई जब वायरल वीडियो में हरिओम ने पिटाई के दौरान राहुल गांधी का नाम लिया, लेकिन भीड़ ने कहा—”यहां बाबा वाले हैं”।

हरिओम फतेहपुर से अपनी ससुराल ईश्वरदासपुर गांव आया था, जहां उसे चोर समझकर लोगों ने अर्धनग्न कर घंटों तक पीटा। वीडियो में देखा गया कि उसे पानी पिलाकर फिर पीटा गया, गले पर पैर रखकर मारपीट की गई। इस दौरान वह बार-बार कहता रहा कि वह चोर नहीं है, लेकिन भीड़ नहीं मानी। कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।
वीडियो में हरिओम बेसुध अवस्था में बार-बार राहुल गांधी का नाम लेता दिखा, जिस पर भीड़ ने कहा—”यहां सब बाबा वाले हैं… आज़ाद और भगत सिंह का भी नाम ले लो”। इस घटना ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रायबरेली में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या करने की खबर बेहद दुखद है। शोकाकुल परिजनों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।
— Congress (@INCIndia) October 5, 2025
वीडियो में दलित युवक आखिरी उम्मीद के तौर पर जब नेता विपक्ष श्री राहुल गांधी का नाम लेता है, हत्यारे तब भी नहीं रुकते और उल्टा कहते हैं कि- 'हम 'बाबा' वाले हैं।'
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इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, जबकि एक दरोगा और दो सिपाहियों को निलंबित किया गया है। मृतक की पत्नी पिंकी ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। हरिओम की एक 12 साल की बेटी है, जिसे पिंकी मायके में रहकर पाल रही हैं।
कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट साझा किया है, जिसमें लिखा गया—”वीडियो में दलित युवक आखिरी उम्मीद के तौर पर जब नेता विपक्ष श्री राहुल गांधी का नाम लेता है, हत्यारे तब भी नहीं रुकते और उल्टा कहते हैं कि—‘हम बाबा वाले हैं’। ये घटना बताती है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है।”
घटना के बाद राहुल गांधी ने मृतक के परिजनों से फोन पर बात की और कहा कि वह इस असहनीय दुःख की घड़ी में उनके साथ पूरी एकजुटता से खड़े हैं। उन्होंने भारत में लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि ऐसे हिंसक तत्वों को कानूनी रूप से दंडित किया जाना चाहिए।
यह घटना न केवल एक व्यक्ति की हत्या है, बल्कि समाज में बढ़ती असहिष्णुता और जातिगत हिंसा की भयावह तस्वीर भी पेश करती है। क्या आपको लगता है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर साझा करें।