“बिहार के स्कूलों की दयनीय स्थिति: बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर, ट्वीट ने मचाया हंगामा”

कांग्रेस नेता अलोक शर्मा ने 18 जुलाई, 2025 को एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें बिहार के एक स्कूल की दयनीय स्थिति दिखाई गई। वीडियो में एक बच्ची खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करती हुई नजर आ रही है, जबकि बारिश और धूप जैसे प्रतिकूल हालात में भी उसे पढ़ना पड़ता है। शर्मा ने ट्वीट में लिखा, “ये वीडियो आपको झकझोर देगा, बिहार में आज भी बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं, और भाजपा-नीतीश गठबंधन विकास के सपने बेच रहा है!” इस ट्वीट ने न केवल शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया, बल्कि राजनीतिक बहस को भी हवा दे दी।

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घटना का विवरण: वीडियो में एक बच्ची को खुले में बैठे हुए दिखाया गया है, जहां एक व्यक्ति उसे स्टेथोस्कोप से उसकी सांसों की जांच कर रहा है। बच्ची बताती है कि बारिश और धूप में भी उन्हें पढ़ाई जारी रखनी पड़ती है, क्योंकि स्कूल की इमारत नहीं है। वह कहती है, “बिल्डिंग बनाओ, बहुत मुश्किल है।” इस वीडियो ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था की वास्तविकता को सामने लाया, जहां संसाधनों की कमी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। इस ट्वीट का राजनीतिक संदर्भ भी महत्वपूर्ण है। अलोक शर्मा ने इसे भाजपा-नीतीश गठबंधन पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल किया, जिसने बिहार में विकास के वादे किए हैं। यह ट्वीट शिक्षा के अधिकार (RTE) और सरकारी स्कूलों की स्थिति पर राष्ट्रीय बहस को फिर से जीवित कर दिया।

जनता की प्रतिक्रियाएं: ट्वीट पर जनता की प्रतिक्रियाएं व्यापक और विविध रही। कई यूज़र्स ने बच्ची की स्थिति पर दुख व्यक्त किया, जबकि कुछ ने राजनीतिक आलोचना की। यहां कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं हैं, जो सबसे ज्यादा लाइक्स, कोट्स और रिप्लाईज़ पाईं:

1. **@MSA (MANPREET2700)** ने लिखा, “वन्तारा खोलने के लिए इनके पास पैसे हैं, पर स्कूल नहीं खोल सकते। अगर इतने पैसे शिक्षा में लगा देते तो आज देश ऐसा ना होता।” (8.2k लाइक्स, 3.5k कोट्स)

2. **@Ravi Kumar Jain (ravijainwin)** ने कहा, “सरकार में बैठे लोगों को अगर इस वीडियो को देखकर भी शर्म ना आए तो #ज़हर खा लें। आखिर इस बच्ची ने क्या मांगा है सिर्फ एक स्कूल? अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए एक छत?” (6.9k लाइक्स, 2.8k रिप्लाईज़)

3. **@Tara Singh (gadar_wala2)** ने लिखा, “मंदबुद्धि पप्पू का ये वीडियो आपको झकझोर कर रख देगा।” (5.7k लाइक्स, 1.9k कोट्स)

4. **@Himanshu (Hima_stellar)** ने आलोचना करते हुए कहा, “दिखाने में शर्म नहीं आ रही है…60 साल नकली गांधी परिवार के समय भी यही हाल था और आज भी यही है…तुम नेताओं ने अपने स्वार्थ की खातिर बिहार को बर्बाद करके रख दिया।” (4.3k लाइक्स, 2.1k रिप्लाईज़)

इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि ट्वीट ने लोगों की भावनाओं को छुआ और उन्हें अपनी राय व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया।

यह ट्वीट वायरल हुआ क्योंकि यह बिहार की शिक्षा व्यवस्था की वास्तविकता को सामने लाया, जो कई लोगों के लिए एक भावनात्मक और राजनीतिक मुद्दा बन गया। बच्ची की मासूमियत और उसकी अपील ने लोगों के दिलों को छुआ, जबकि राजनीतिक आलोचना ने बहस को और गहरा दिया। ट्वीट को लाखों व्यूज़ और हजारों रीट्वीट्स मिले, जिससे यह राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेंड करने लगा। इसका असर यह हुआ कि शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की कमी पर फिर से ध्यान केंद्रित हुआ, और यह मुद्दा राजनीतिक दलों के लिए एक चुनौती बन गया। इस ट्वीट ने न केवल सामाजिक चेतना जगाई, बल्कि यह भी दिखाया कि सोशल मीडिया कितनी तेजी से किसी मुद्दे को राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बना सकता है। आगे चलकर, यह देखना होगा कि क्या इस वीडियो से कोई ठोस कार्रवाई होती है या यह सिर्फ एक और वायरल पोस्ट बनकर रह जाता है।

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