
महराजगंज: यूपी के महराजगंज जनपद से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण और अनुकरणीय निर्णय लेते हुए बृजमनगंज थानाध्यक्ष का एक महीने का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई एक ऐसे मामले में की गई है, जिसमें भरण-पोषण के आदेश के अनुपालन में पुलिस की लगातार लापरवाही सामने आई है।
यह मामला फरेंदा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बनकटी निवासी महंत प्रसाद यादव की पुत्री पूनम यादव से जुड़ा है, जिनका विवाह 6 जुलाई 2007 को अनिल कुमार यादव, निवासी धानी बाजार थाना बृजमनगंज के साथ हुआ था। इस दंपती को एक पुत्र और एक पुत्री हैं। हालांकि, वर्ष 2019 में पति-पत्नी के बीच संबंधों में खटास आ गई और पूनम को उनके पति द्वारा मारपीट कर घर से निकाल दिए जाने का आरोप सामने आया। अनिल पर यह भी आरोप है कि उन्होंने पुत्र को अपने पास रख लिया और पत्नी व पुत्री की जिम्मेदारी से किनारा कर लिया।
पीड़िता ने दर्ज कराया था मामला
इसके बाद, 10 अप्रैल 2019 को पूनम यादव ने अधिवक्ता दुर्गेश कुमार जायसवाल के माध्यम से प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय महराजगंज के समक्ष भरण-पोषण का मुकदमा दाखिल किया। अदालत ने अनिल कुमार यादव को कई बार नोटिस भेजे, लेकिन वे कभी भी अदालत में उपस्थित नहीं हुए। आखिरकार, सितंबर 2021 में अदालत ने आदेश पारित किया कि अनिल अपनी पत्नी और पुत्री को प्रति माह छह हजार रुपये भरण-पोषण के रूप में अदा करें।
वहीं इस आदेश के बावजूद अनिल द्वारा न तो अदालत में पेशी दी गई और न ही आदेश का पालन किया गया। इसके चलते, अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी और रिकवरी वारंट जारी किया, जिसे एक वर्ष से अधिक बीत जाने के बावजूद पुलिस द्वारा अमल में नहीं लाया गया।
थानाध्यक्ष का वेतन रोकने का आदेश
पुलिस की इस लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय रवि नाथ ने बृजमनगंज थानाध्यक्ष का एक माह का वेतन रोकने का आदेश पारित किया। साथ ही पुलिस अधीक्षक महराजगंज को पत्र भेजकर वेतन रोकने की प्रक्रिया पूरी कर इसकी सूचना न्यायालय को देने का निर्देश दिया गया है।